गीता जयंती के अवसर पर, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज के सानिध्य में श्री कृष्ण कृपा जीओ गीता परिवार द्वारा ब्रह्मसरोवर परिक्रमा का आयोजन किया गया। परिक्रमा का आरंभ सर्वेश्वर महादेव मंदिर के सामने से हुआ और गाए गए भजनों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। “बिहारी तेरे चरणों में” जैसे भजन ने श्रद्धालुओं को भक्ति में डुबो दिया। इस धार्मिक यात्रा में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया और ठाकुर जी की आरती उतारी गई।
इस अवसर पर स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ने गीता की जन्मस्थली ज्योतिसर में आयोजित गीता यज्ञ में पूर्ण आहुति डाली। उन्होंने गीता पूजन किया और गीता उपदेश के साक्षी वट वृक्ष को प्रणाम किया। स्वामी जी ने गीता जयंती की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि गीता भगवान श्री कृष्ण का दिया हुआ अनमोल उपहार है, जो पूरे विश्व के लिए मार्गदर्शन प्रदान करता है।
स्वामी जी ने गीता के श्लोकों का स्मरण करने से मानसिक शांति और आध्यात्मिक ज्ञान की वृद्धि की बात कही। उन्होंने गीता के ज्ञान को जीवन में उतारने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि यही ज्ञान हमें कर्म करने की प्रेरणा देता है।
स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ने गीता के उपदेशों को अनुसरण करने पर बल देते हुए कहा कि यह पवित्र ग्रंथ विश्व कल्याण के लिए है और हमें इस पर चलकर अपने जीवन को सार्थक बनाना चाहिए।
इस आयोजन में प्रमुख रूप से अशोक चावला, विजय नरूला, ब्रह्मचारी शक्ति जी महाराज, सुनील वत्स, और अन्य गणमान्य लोग शामिल हुए।
सभी श्रद्धालुओं और भक्तों को गीता जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं!