International Gita Mahotsav

Surya Tirth, Bodshyam


बोड़श्याम ग्राम स्थित यह तीसरा तीर्थ है जो सूर्य देव को समर्पित है। इस तीर्थ में भक्ति पूर्वक स्नान करने वाला मनुष्य सूर्य लोक में महान माना जाता है।
तत्रैव सुमहत् तीर्थ सूर्यस्य च महात्मनः।
तस्मिन् स्नात्वा भक्तियुक्तः सूर्यलोके महीयते।।
(वामन पुराण, 36/73)
कुरुक्षेत्र भूमि में प्राचीन काल से ही सूर्य पूजा का विशेष महत्त्व रहा है। सूर्यग्रहण के अवसर पर इस भूमि के सूर्य कुण्डों में स्नान करने की प्राचीन परम्परा रही है। इस क्षेत्र से अनेक सूर्य मूर्तियाँ भी प्राप्त हुई हंै जो इस क्षेत्र में सौर उपासना के लोकप्रिय होने के प्रमाण हैं। इस तीर्थ पर भी प्राचीन काल में ऐसी परम्पराएं चलन में रहीं होंगी। बोड़श्याम ग्राम से मिलने वाले अनेक प्राचीन सँस्कृतियों के अवशेष भी इस अवधारणा को पुष्ट करती हंै।

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