अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के दौरान आयोजित संस्कृतिक कार्यक्रमों ने महोत्सव में एक नया उल्लास और रंग भर दिया। विभिन्न प्रदेशों और देशों के कलाकारों ने अपनी पारंपरिक कला और संस्कृति का शानदार प्रदर्शन किया, जिससे महोत्सव में विविधता और एकता का अद्भुत संगम हुआ। इन कार्यक्रमों ने न केवल भारतीय संस्कृति की सुंदरता को उजागर किया, बल्कि वैश्विक सांस्कृतिक आदान-प्रदान का भी बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया।
संस्कृतिक प्रस्तुतियों में संगीत, नृत्य, नाटक और लोक कला का सम्मिलन था, जो दर्शकों को हर पल मंत्रमुग्ध करता रहा। इन कार्यक्रमों ने महोत्सव को एक और ऊँचाई पर पहुँचाया, जहाँ हर कलाकार ने अपनी कला के माध्यम से भाईचारे, प्रेम और एकता का संदेश दिया। यह सांस्कृतिक संगम महोत्सव के अभिन्न और अविस्मरणीय हिस्से के रूप में सभी के दिलों में हमेशा के लिए रहेगा।