International Gita Mahotsav

Rasmangal Tirth, Jakholi

रसमंगल नामक यह तीर्थ कैथल से 19 कि.मी. की दूरी पर जाखौली एवं सौंगल नामक ग्रामों की सीमा पर स्थित है
इस तीर्थ के विषय में जनसाधारण में प्रचलित जनश्रुति के अनुसार एक बार सतयुग में ब्रह्मा के द्वारा एक विशेष यज्ञ का आयोजन किया गया जिसमें उन्होंने समस्त देवी देवताओं को आमन्त्रित किया था। इसी यज्ञ में ब्रह्मा ने देवताओं के प्रीत्यर्थ उनके प्रिय पेय सोम रस का पान करवाया था। आयुर्वेद में भी सोम रस बड़ा गुणकारी माना गया है।
इस तीर्थ पर प्रत्येक वर्ष आश्विन मास की अमावस्या, सोमवती अमावस्या, ज्येष्ठ पूर्णिमा एवं कार्तिक पूर्णिमा के दिन श्रद्धालु स्नान करते हैं। इन अवसरों पर इस तीर्थ पर विशाल मेले लगते हैं। कई जनश्रुतियांँ इस तीर्थ का सम्बंध यक्ष से भी जोड़ती हैं। सम्भवतः यक्ष से जुडे होने के कारण ही इस ग्राम का नाम जाखौली पड़ा होगा।
यहाँ पर एक प्राचीन टीला है जिसमें मध्यकालीन मृदभाण्ड मिलते हैं। तीर्थ पर एक समाधि है। सरोवर तीर्थ के पश्चिम में स्थित है। सरोवर पर एक अष्टकोण बुर्जी वाला घाट है जिसका नवीनीकरण किया गया है। पूरा तीर्थ लगभग 5 एकड़ भूमि में फैला हुआ है।

LOCATION

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top