श्रीराम स्वयं सहायता समूह की महिलाएं महोत्सव में जुट-बेग लेकर आई हैं, जो प्लास्टिक मुक्त हरियाणा अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी हैं। इन महिलाओं ने जूट से बने बैग बनाकर पर्यटकों को पॉलिथीन के प्रयोग से बचने की प्रेरणा दी है।
कुरुक्षेत्र में चल रहे गीता महोत्सव के दौरान, इन महिलाओं ने न केवल पर्यावरण की रक्षा के लिए अपना योगदान दिया है, बल्कि अपने काम से आत्मनिर्भरता की मिसाल भी पेश की है। श्रीराम स्वयं सहायता समूह द्वारा जूट से बने इन बैगों को तैयार करने में महिलाओं को निशुल्क प्रशिक्षण दिया गया है और उन्हें स्वरोजगार के लिए बैंक ऋण भी प्रदान किया गया है।
महिलाओं की मेहनत और समर्पण के परिणामस्वरूप, राज्य सरकार ने उन्हें 1 लाख रुपये की नगद राशि से सम्मानित किया है। उनकी कड़ी मेहनत और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी ने महोत्सव में एक नई दिशा दिखाई है।
इस पहल के माध्यम से, न केवल महिलाएं अपनी आजीविका को सुरक्षित रख रही हैं, बल्कि पर्यावरण को भी बचाने का कार्य कर रही हैं।