लवकुश नामक यह तीर्थ कैथल-करनाल मार्ग पर कैथल से लगभग 8 कि.मी. की दूरी पर मुन्दड़ी गाँव की उत्तर-पश्चिम दिशा में स्थित है।
लोक प्रचलित किम्वदन्तियों के अनुसार इसी स्थान पर भगवान राम एवं सीता जी के पुत्र लव एवं कुश ने महर्षि बाल्मीकि से रामायण के सम्पूर्ण श्लोक कण्ठस्थ कर लिए थे। जनसामान्य में ऐसा विश्वास पाया जाता है कि लव एवं कुश को सम्पूर्ण रामायण कण्ठस्थ करवा देने के पश्चात् उन्होंने मौन धारण कर लिया था।
वर्तमान में इस तीर्थ पर शिव, हनुमान व लवकुश के मन्दिर हैं। प्रत्येक रविवार को आसपास के श्रद्धालु इकट्ठे होकर तीर्थ में स्नान करते हैं। प्रचलित विश्वास के अनुसार इस तीर्थ में स्नान करने से श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
यहाँ स्थित मन्दिर के गर्भगृह की भित्तियों पर राम, लक्ष्मण को कन्धे पर बैठाए हुए हनुमान, गोपियों के साथ कृष्ण, रासलीला व गणेश इत्यादि के चित्र बने हुए हैं। मन्दिर के सरोवर की खुदाई से कुषाणकाल (प्रथम-द्वितीय शती ई.) से लेकर मध्यकाल 9-10वी शती ई. के मृदपात्र एवं अन्य पुरावशेष मिले है जिससे इस तीर्थ की प्राचीनता सिद्ध होती है।