यह तीर्थ करनाल से लगभग 31 कि.मी. दूर जलमाणा नामक ग्राम में स्थित है। इस तीर्थ का सम्बन्ध महर्षि परशुराम के पिता महर्षि जमदग्नि से है। तीर्थ पर स्थित सरोवर जमदग्नि कुण्ड कहलाता है।
जनश्रुतियों के अनुसार यह स्थल महर्षि जमदग्नि का आश्रम है जहाँ वह अपनी पत्नी रेणुका एवं अपने पुत्रों के साथ निवास करते थे। इनके पुत्र परशुराम पिता के परम भक्त थे जिन्हांेने एक बार पिता की आज्ञा का पालन करते हुए अपनी माता रेणुका को मार दिया था। पिता से वरदान पाकर पुनः उन्होंने माता को पुनर्जीवित करवा लिया था। कहा जाता है कि परशुराम ने अन्यायी क्षत्रियों के विरूद्ध अपना संघर्ष यहीं से शुरू किया था। तीर्थ में हर रविवार को विशेष पूजा होती है तथा दशहरे की दूज को मेला लगता है।