अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के दौरान हरियाणवी नृत्य का सांस्कृतिक कार्यक्रम मंच पर छाया रहा, जिसने सभी दर्शकों और पर्यटकों का दिल जीत लिया। इस कार्यक्रम में हरियाणा की पारंपरिक नृत्य शैलियों जैसे लाठी नृत्य, गिद्धा और भांगड़ा का खूबसूरत प्रदर्शन किया गया, जो राज्य की लोक कला और संस्कृति की समृद्धि को दर्शाता है।
हरियाणवी नृत्य अपनी ऊर्जा, तेज ताल और रंग-बिरंगे पारंपरिक परिधानों के लिए जाना जाता है। कार्यक्रम के दौरान नर्तक-नर्तकियों ने अपनी दिलचस्प प्रस्तुति से न केवल दर्शकों को आकर्षित किया, बल्कि हरियाणा की लोक संस्कृति को एक नए रूप में प्रस्तुत किया। नृत्य के साथ साथ हरियाणवी संगीत और पारंपरिक वाद्ययंत्रों ने इस कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए।
यह सांस्कृतिक कार्यक्रम पर्यटकों को हरियाणा की समृद्ध संस्कृति और अद्भुत कला से परिचित कराते हुए उन्हें मंत्रमुग्ध कर गया। हरियाणवी नृत्य ने साबित किया कि हमारी पारंपरिक कला और संस्कृति समय के साथ भी अपनी खूबसूरती बनाए रखती है।
हरियाणवी नृत्य ने एक बार फिर दर्शकों का दिल जीत लिया और भारतीय सांस्कृतिक धरोहर की महानता को प्रदर्शित किया।