अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के मंच पर हरियाणवी कलाकारों ने अपनी लोक नृत्य कला से महोत्सव में एक नया रंग और आकर्षण भर दिया। उनके शानदार प्रदर्शन ने दर्शकों को झूमने और तालियों से महोत्सव को गूंजित कर दिया। हरियाणा की पारंपरिक नृत्य शैली ने न केवल भारतीय संस्कृति की धरोहर को जीवित किया, बल्कि एकता और भाईचारे का भी संदेश दिया। उनके नृत्य ने महोत्सव को एक नयी ऊर्जा और जोश से भर दिया और यह साबित कर दिया कि कला किसी भी सीमा से परे होती है।
हरियाणवी कलाकारों के इस बेहतरीन प्रदर्शन ने महोत्सव के हर एक पल को और भी खास बना दिया, जो हमेशा के लिए सभी के दिलों में बसेगा। उनका नृत्य महोत्सव के सार्थकता और सांस्कृतिक विविधता को और भी सुंदर तरीके से प्रस्तुत करता है।