कुरुक्षेत्र, जिसे गीता स्थली के रूप में जाना जाता है, इस पावन धरा पर अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2024 का आयोजन हो रहा है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने इस महोत्सव को लेकर बड़ी घोषणा की और कहा कि कुरुक्षेत्र न केवल धर्म और संस्कृति का केंद्र बन चुका है, बल्कि यहां के विकास में सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के कारण आज यह स्थान विश्व स्तर पर पहचाना जा रहा है।
2016 से, जब से सरकार ने गीता जयंती को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाना शुरू किया, तब से हर साल यह महोत्सव और भी भव्य रूप में सामने आया है। लोक कला, लोक नृत्य, भव्य धार्मिक कार्यक्रम, और संस्कृति की खुशबू ने इसे एक अनूठा उत्सव बना दिया है।
कुरुक्षेत्र को मिली यह नई पहचान सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि आर्थिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण हो गई है। महोत्सव से जहां श्रद्धालु गीता के उपदेशों से अभिभूत होते हैं, वहीं यह आयोजन स्थानीय व्यवसायों और पर्यटन को भी बढ़ावा दे रहा है।
मोहन लाल बड़ौली ने आगे कहा कि सरकार ने गीता के उपदेशों को पाठ्यक्रम में शामिल किया, जिससे आने वाली पीढ़ी को गीता के संदेश से जोड़ने का महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। इसके साथ ही, कुरुक्षेत्र के विकास के लिए सरकार ने विश्वस्तरीय संग्रहालय बनाने के लिए 206 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है।
इस महोत्सव में हर प्रकार की व्यवस्था का ध्यान रखा गया है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेशों से धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को फिर से जीवित करने का अवसर इस महोत्सव से मिल रहा है।
गीता महोत्सव 2024 का आयोजन न केवल धार्मिक यात्रा है, बल्कि यह कुरुक्षेत्र की महान धरोहर और संस्कृति को सम्मान देने का एक अनोखा अवसर भी है।