गीता जयन्ती समारोह के तीसरे दिन, श्रीमद् भगवद् गीता पर विशेष रूप से संबोधित करते हुए संत देवी सुदीक्षा जी महाराज ने कहा कि गीता केवल एक पुस्तक नहीं, बल्कि एक महाग्रंथ है, जो जीवन के हर पहलू पर मार्गदर्शन प्रदान करती है। गीता जीवन जीने की कला सिखाती है और इसके अध्ययन से हमें हर समस्या का समाधान मिलता है। उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि पाठ्य पुस्तकों के साथ-साथ गीता का अध्ययन भी करें और उसके बताए मार्ग पर चलें।
संत देवी सुदीक्षा जी महाराज ने यह भी कहा कि राष्ट्र के विकास के लिए संस्कृति और संस्कारों का प्रचार-प्रसार आवश्यक है। सफलता पाने के लिए धैर्य, साहस और कर्तव्यनिष्ठा का होना बेहद जरूरी है। गीता का अध्ययन करने से व्यक्ति अपने जीवन में सही फैसले ले सकता है, और यह एकता और मानवता का संदेश देती है।
इस मौके पर संत देवी सुदीक्षा जी महाराज ने गीता की पुस्तक पर पुष्प अर्पित कर पूजा अर्चना की। उन्होंने कहा कि गीता को हर घर, पुस्तकालय और व्यक्ति के पास धरोहर के रूप में होना चाहिए। गीता का संदेश हमें जीने की सही राह दिखाता है और जीवन के हर संकट का समाधान प्रदान करता है।
समारोह के दौरान, देवी सुदीक्षा जी महाराज को आयोजन समिति द्वारा स्मृति चिन्ह और शॉल भेंटकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर नगर पालिका प्रधान साक्षी खुराना, तहसीलदार नवम धानिया, एआईपीआरओ बलराम शर्मा, नायब तहसीलदार बलकार सिंह, बीईओ हरदीप कौर, हिन्दू हाई स्कूल के चेयरमैन पवन गर्ग और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।