International Gita Mahotsav

 

INTERNATIONAL GITA MAHOTSAV

Kurukshetra, Haryana (15 November to 5 December 2025)

गीता का उपदेश जगत कल्याण का सात्विक मार्ग और पूरा ज्ञान का कुंड है: महंत बंशी पुरी

श्री अवधूत आश्रम में विश्व कल्याण के लिए गीता महायज्ञ में संत समाज द्वारा डाली गई पूर्ण आहुतियां, विशाल भंडारे के साथ सम्पन्न हुआ यज्ञ

कुरुक्षेत्र, 12 दिसंबर: श्री अवधूत आश्रम, कुरुक्षेत्र में आयोजित गीता महायज्ञ में आज संत समाज द्वारा विश्व कल्याण के लिए पूर्ण आहुतियां डाली गईं। इस अवसर पर षडदर्शन साधुसमाज के संरक्षक महंत बंशी पुरी महाराज ने कहा कि गीता का उपदेश जगत कल्याण का सात्विक मार्ग और ज्ञान का संपूर्ण कुंड है, जो हर व्यक्ति को जीवन का सही मार्ग दिखाता है।

परमहंस ज्ञानेश्वर महाराज ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज के समय में मनुष्य को अपने भीतर और बाहर के संतुलन की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी बताया कि इस संतुलन को व्यक्ति अपनी दिनचर्या में साध सकता है और खुद को रूपांतरित कर सकता है।

कोषाध्यक्ष महंत महेश मुनि महाराज ने यज्ञ के महत्व को बताते हुए कहा कि यज्ञ से न केवल पर्यावरण की शुद्धि होती है, बल्कि मन की भी शुद्धि होती है, जो जीवन को सकारात्मक दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करती है।

इस महायज्ञ में स्वामी विद्यागिरि महाराज, महंत बंशी पुरी महाराज, परमहंस ज्ञानेश्वर महाराज, और अन्य संत महात्माओं की उपस्थिति में गीता महोत्सव के तहत विश्व कल्याण और सुख-शांति की कामना की गई। महंत गुरुभगत सिंह, महंत महेश मुनि, वैद्य पं. प्रमोद कौशिक, डा. गार्गी ब्रह्मवादिनी, प्रो. बाबा चेतन मुनि, महंत सुनील दास, महंत विशाल दास, महंत स्नेह दास, और स्वामी लखन पुरी समेत अन्य संतों ने यज्ञ में अपनी आहुति डाली।

गीता महायज्ञ में पण्डित सोमदत्त और आचार्य मनीष मिश्रा द्वारा गीता के 700 श्लोकों का उच्चारण किया गया, जिसमें संत समाज और श्रद्धालुओं ने तीन बार आहुति डाली। कार्यक्रम के समापन पर विशाल भंडारा आयोजित किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।

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