Kapilmuni Tirth, Kaul
कपिल मुनि नामक यह तीर्थ कैथल से लगभग 27 कि.मी. की दूरी पर कौल नामक गाँव में स्थित है। इस […]
कपिल मुनि नामक यह तीर्थ कैथल से लगभग 27 कि.मी. की दूरी पर कौल नामक गाँव में स्थित है। इस […]
हय्लेपक नामक यह तीर्थ कैथल से लगभग 30 कि.मी. दूर साकरा ग्राम में स्थित है। कुरुक्षेत्र भूमि के वे तीर्थ
यव कुण्ड नामक यह तीर्थ कैथल से लगभग 26 कि.मी. दूर धेरडू ग्राम की उत्तर-पूर्व दिशा में स्थित है। धेरड़ू
यह तीर्थ कैथल से लगभग 21 कि.मी. की दूरी पर फरल नामक ग्राम में स्थित है । पवन पुत्र हनुमान
फल्गु तीर्थ, नामक यह तीर्थ कैथल से लगभग 21 कि.मी. दूर फरल नामक ग्राम में स्थित है। फरल ग्राम का
यज्ञसंग नामक यह तीर्थ कैथल से लगभग 5 कि.मी. दूर ग्यांेग नामक ग्राम के पूर्व में स्थित है। यह सर्वथा
लवकुश नामक यह तीर्थ कैथल-करनाल मार्ग पर कैथल से लगभग 8 कि.मी. की दूरी पर मुन्दड़ी गाँव की उत्तर-पश्चिम दिशा
त्रिविष्टप नामक यह तीर्थ करनाल-कैथल मार्ग पर कैथल से लगभग 19 कि.मी. की दूरी पर ट्योंठा नामक गाँव में स्थित
देवी तीर्थ मोहना नामक यह तीर्थ कैथल से 17 कि.मी. दूर मोहना नामक ग्राम में स्थित है। महाभारत में कुरुक्षेत्र
पुण्डरीक नामक यह तीर्थ कैथल से 15 कि.मी. की दूरी पर पूण्डरी नामक शहर में स्थित है। पुण्डरीक तीर्थ का
द्धणमोचन नामक यह तीर्थ कैथल से लगभग 25 कि.मी. दूर रसीना ग्राम में स्थित है। इस तीर्थ का उल्लेख पौराणिक
सूर्यकुण्ड नामक यह तीर्थ कैथल से 24 कि.मी. दूर हाबड़ी ग्राम में स्थित है। हाबड़ी नामक ग्राम में स्थित सूर्यकुण्ड