अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव: ब्रह्मसरोवर की दिव्य रात्रि – शांति, भक्ति और आध्यात्मिक अनुभव
ब्रह्मसरोवर की रात, हरी पत्तियों की छाया और स्वर्णिम मंदिर की झिलमिलाती रोशनी—यह दृश्य केवल आँखों को नहीं, बल्कि मन […]
ब्रह्मसरोवर की रात, हरी पत्तियों की छाया और स्वर्णिम मंदिर की झिलमिलाती रोशनी—यह दृश्य केवल आँखों को नहीं, बल्कि मन […]
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव केवल एक नाट्य प्रस्तुति नहीं, बल्कि मर्यादा, त्याग और आदर्शों का जीवंत अनुभव है। मंच पर राम,
यूथ ब्लड डोनेशन सोसाइटी एवं देवी अहिल्याबाई होल्कर अनुसंधान विकास केंद्र द्वारा हर साल की तरह इस वर्ष भी अंतर्राष्ट्रीय
मंच पर खड़े इस लोक कलाकार की ऊँची उठी हथेलियाँ, सुरों में डूबा हुआ मन, और टीम का सामंजस्य—सब मिलकर
मेले की भीड़ में यह शख़्स छोटे-छोटे बुलबुले बनाकर राहगीरों के चेहरों पर मुस्कान बिखेरता है। हर बुलबुले में थोड़ी
भीड़ भरे मेले के बीच यह नन्ही कलाकार अपनी संतुलन कला से सबका मन जीत लेती है। रस्सी पर चलना
ब्रह्मसरोवर की पवित्र तटभूमि पर भक्ति रस से सराबोर यह संध्या उपस्थित श्रद्धालुओं के हृदय को मंत्रमुग्ध कर देने वाली
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव की पावन रात जब ब्रह्मसरोवर पर आरती के साथ पुष्पवर्षा होती है, तो ऐसा लगता है मानो
कुरुक्षेत्र, 4 दिसंबर: अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के ब्रह्मसरोवर, पुरुषोत्तमपुरा बाग में आयोजित भव्य सांध्यकालीन महाआरती में पूर्व राज्यमंत्री सुभाष सुधा
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव की रात जब ब्रह्मसरोवर रोशनी और जलधारा से जगमगा उठता है, वह दृश्य मन को मंत्रमुग्ध कर
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में बच्चों की मस्ती और उत्साह हर पल को जीवंत बना देता है। हाथों में रंगीन बजाने
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में ज्ञान की यह खुशबू हर दिल को छू जाती है। पवित्र ग्रंथों और आध्यात्मिक पुस्तकों से