अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2024 के दौरान ब्रह्मसरोवर के घाटों पर विभिन्न राज्यों की लोक कला और संस्कृति के रंग बिखरते हुए नजर आ रहे हैं। इस महोत्सव में देशभर के कलाकार अपनी नृत्य और कला प्रस्तुतियों से भारतीय संस्कृति की विविधता और सौंदर्य का जीवंत अनुभव दे रहे हैं।
उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केंद्र (एनजेडसीसी) के कलाकारों ने इस मंच पर अपनी अद्वितीय कला से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया है। ये कलाकार 15 दिसंबर तक अपनी प्रस्तुतियों से संस्कृति की शान बढ़ाएंगे। इन कलाकारों ने अपनी लोक कला को न केवल जीवित रखा है, बल्कि इसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान दिलाई है।
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव एक विशेष मंच बन चुका है, जहां कलाकार अपनी कला और संस्कृति को साझा कर सकते हैं। यह महोत्सव कलाकारों के लिए न केवल अपने कला रूपों का प्रदर्शन करने का एक अवसर है, बल्कि यह उन्हें वैश्विक पहचान भी प्रदान करता है।
इस महोत्सव में विभिन्न राज्यीय लोक नृत्य, संगीत और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है, जो भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करते हैं। कला प्रेमियों और पर्यटकों के लिए यह एक अद्भुत अवसर है, जहां वे भारतीय संस्कृति की सम्पूर्ण विविधता का अनुभव कर सकते हैं।
आइए, इस अद्भुत मेले का हिस्सा बनें और भारतीय संस्कृति के अद्वितीय रूप का अनुभव करें!