श्री नयाब सैनी जी ने महाआरती का आयोजन करते हुए एक धार्मिक और आध्यात्मिक वातावरण का सृजन किया, जिसने उपस्थित सभी श्रद्धालुओं को एक गहरी शांति और आस्था का अनुभव कराया।
श्री नयाब सैनी जी के नेतृत्व में महाआरती ने गीता महोत्सव के महत्व को और बढ़ा दिया। उनकी सटीक और भव्य पूजा विधि के दौरान मंत्रोच्चारण और दीपों की रौशनी के बीच एक दिव्य आभा फैल गई, जो भक्तों के दिलों में आस्था और श्रद्धा का संचार कर रही थी। इस दिव्य अवसर पर श्रद्धालु मंत्रों में सम्मिलित होकर भगवान श्री कृष्ण के चरणों में समर्पित हो गए।
श्री नयाब सैनी जी का यह महाआरती आयोजन न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान था, बल्कि यह सभी को भारतीय संस्कृति, शांति और समर्पण की गहरी भावना से भी जुड़ा हुआ अनुभव प्रदान कर रहा था। उनके द्वारा की गई पूजा ने महोत्सव के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को और भी प्रकट किया।
“श्री कृष्ण की महिमा, नयाब सैनी जी के आशीर्वाद से प्रकट हुई”
इस महोत्सव के दौरान श्री नयाब सैनी जी की महाआरती ने न केवल महोत्सव को आध्यात्मिक रूप से रोशन किया, बल्कि सभी श्रद्धालुओं को भगवान श्री कृष्ण के अनंत आशीर्वाद का अनुभव भी कराया।
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