कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर आयोजित पहले अखिल भारतीय देवस्थानम सम्मेलन में देश के 35 से अधिक धामों के संत एक मंच पर जुटे, और एक नई दिशा की ओर कदम बढ़ाए। केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र शेखावत ने इस आयोजन को भारत की सांस्कृतिक धरोहर के पुनरुद्धार के प्रयासों के रूप में सराहा। स्वामी ज्ञानानंद महाराज के नेतृत्व में यह सम्मेलन एक अनूठा प्रयास था, जिसने भारतीय मंदिरों और तीर्थ स्थलों के महत्व को युवा पीढ़ी से जोड़ने का संकल्प लिया।
यह सम्मेलन न केवल आस्था के स्तर पर, बल्कि देश की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को सहेजने के लिए एक मजबूत कदम साबित हुआ है। गीता के उपदेशों और भारतीय मंदिरों की महत्ता पर चर्चा करते हुए यह आयोजन देशभर में जागरूकता फैलाने का काम कर रहा है।
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