अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2024 के इस पवित्र अवसर पर, उत्तर-पूर्व भारत के कलाकारों ने अपनी अद्भुत कला और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से महोत्सव को और भी भव्य बना दिया। इन कलाकारों ने अपनी परंपरागत नृत्य, संगीत और कला के माध्यम से गीता के दिव्य संदेश को प्रस्तुत किया, जो भारतीय संस्कृति की विविधता और एकता का अद्वितीय उदाहरण है।
उत्तर-पूर्व भारत के कलाकारों ने अपनी कला के माध्यम से न केवल गीता के आध्यात्मिक संदेश को फैलाया, बल्कि भारतीय सांस्कृतिक धरोहर की गहरी जड़ों को भी उजागर किया। उनके हर कदम, हर सुर में एकता, शांति और भक्ति का अद्वितीय मिश्रण था।
“उत्तर-पूर्व भारत के कलाकार: गीता के संदेश को सांस्कृतिक कला के माध्यम से विश्वभर में फैलाते हुए!”
आइए, हम सभी इस अद्भुत सांस्कृतिक अनुभव का हिस्सा बनें और गीता के दिव्य ज्ञान से अपने जीवन को आलोकित करें!