अंजनी नामक यह तीर्थ करनाल से लगभग 22 कि.मी. दूर अंजनथली नामक ग्राम में स्थित है। तीर्थ का सम्बन्ध हनुमान की माता अंजनी से है। कहा जाता है कि माता अंजनी ने इस स्थल पर तपस्या की इसलिए इसका नाम अंजनथली पड़ गया। लोक कथनानुसार यहाँ हर दूसरे साल मंगलवार को एक वानर स्नान करने आता है और चला जाता है जबकि इस गाँव के आस-पास कहीं भी बन्दर नहीं हैं। श्रद्धालुजन उसे हनुमान का रूप मानते हैं। लोक मान्यताओं के अनुसार यदि इस तीर्थ के पानी का उपयोग खेती के लिए किया जाए तो फसल सूख जाती है।
तीर्थ परिसर में ही एक प्रस्तर निर्मित चैखट के भग्नावशेष मिले हैं जिससे यहाँ प्रतिहार कालीन (9-10वी शती ई) प्रस्तर निर्मित मन्दिर के होने की पुष्टि होती है।