पवित्र ग्रंथ गीता एक पुस्तक ही नहीं जीवन का एक जीता-जागता दर्शन:जयदीपसांध्यकालीन महाआरती में हरियाणा योग आयोग के चेयरमैन जयदीप आर्य ने की शिरकत, मेहमानों को स्मृति चिन्ह देकर किया सम्मानितकुरुक्षेत्र 7 दिसंबर हरियाणा योग आयोग के चेयरमैन जयदीप आर्य ने कहा कि गीता शक्ति का प्रतीक है, गीता अध्यात्म और शांति का रास्ता है। सदियों वर्ष पूर्व भगवान श्री कृष्ण ने गीता का उपदेश दिया था, इन उपदेशों को आज भी अपने जीवन में शामिल की जरूरत है। श्रीमदभगवद गीता भगवान का भेजा हुआ संदेश है। गीता गं्रथ नहीं बल्कि जीवन का जीता जागता दर्शन है, गीता स्वस्थ जीवन का मूलमंत्र देती है तथा गीता जीवन जीने की कला है। हरियाणा योग आयोग के चेयरमैन जयदीप आर्य मंगलवार को देर सायं ब्रहमसरोवर पुरुषोतमपुरा बाग में महोत्सव के गीता महाआरती कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रुप में बोल रहे थे। इससे पहले चेयरमैन जयदीप आर्य, केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा, जिप के पूर्व चेयरमैन गुरदयाल सुनहेड़ी, अनिल कुलश्रेष्ठï, अशोक रोसा, डीजीपी की धर्मपत्नी, एडीजीपी की धर्मपत्नी सहित विद्या भारती, आर्य समाज, योग आयोग, पूर्व छात्र परिषद के सदस्यों ने अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव पर ब्रहमसरोवर की महाआरती और पूजा-अर्चना की तथा दीपशिखा प्रज्ज्वलित कर विधिवत रुप से महाआरती का शुभारम्भ भी किया। इस महाआरती का गुणगान पंडित बलराम गौतम, पंडित सोमनाथ शर्मा, गोपाल कृष्ण गौतम, अनिल व रुद्र ने किया। चेयरमैन जयदीप आर्य ने कहा कि पहले कुरुक्षेत्र को महाभारत की भूमि कहा जाता था लेकिन इसे अब भगवद गीता की भूमि कहा जाने लगा है। प्रदेश सरकार का प्रयास है कि हर व्यक्ति को गीता का ज्ञान मिले इसके मध्यनजर इस अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव को विभिन्न सोशल मीडिया के माध्यम से विदेशों व देश के गांव-गांव तक पहुंचाया जा रहा है, 21वीं सदी में गीता औषधी के सामान है, गीता का ज्ञान सबको होना चाहिए।