

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव—जहाँ मुस्कानें परंपरा की आभा में सजती हैं और लोकनृत्य की हर थिरकन संस्कृति की आत्मा को जीवंत कर देती है। रंगों, लयों और श्रद्धा से भरा यह उत्सव भारत की विविध सांस्कृतिक विरासत को एक सुंदर धारा की तरह बहाता है। कलाकारों की ऊर्जा, पारंपरिक वेशभूषा और दर्शकों की उत्सुकता मिलकर ऐसा वातावरण रचते हैं जहाँ हर कदम में इतिहास बोलता है और हर मुस्कान में भारतीय संस्कृति की मिठास झलकती है।