


ब्रह्मसरोवर की पवित्र धरा पर सजी श्रीमद्भगवद् गीता की यह दिव्य झांकी गीता महोत्सव 2025 की शान बन चुकी है। भगवान श्रीकृष्ण के उपदेशों और गीता के अमर ज्ञान को जीवंत रूप में प्रस्तुत करती यह झांकी श्रद्धालुओं को एक अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करती है। सूर्य की सुनहरी आभा, जल की मधुर लहरें और आसपास का भक्ति-भाव से भरा वातावरण इस दृश्य को और भी दिव्य और मनोहारी बना देते हैं। यहाँ आते ही मन में शांति, सकारात्मकता और आध्यात्मिक ऊर्जा का स्पर्श महसूस होता है। यही है गीता महोत्सव की पहचान—जहाँ धर्म, संस्कृति और दिव्यता एक साथ मिलकर एक अविस्मरणीय अनुभव रचते हैं।