“पवित्र ग्रंथ गीता एक पुस्तक ही नहीं, जीवन का जीता-जागता दर्शन”: कैलाश सैनी
कुरुक्षेत्र, 22 नवंबर — मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रभारी कैलाश सैनी ने कहा कि श्रीमद्भगवद गीता शक्ति, अध्यात्म और शांति का प्रतीक है। भगवान श्रीकृष्ण द्वारा दिए गए गीता उपदेश आज भी जीवन जीने की प्रेरणा व मार्गदर्शन देते हैं। उन्होंने कहा कि गीता मात्र एक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन का जीता-जागता दर्शन है, जो स्वस्थ, संतुलित और कर्मप्रधान जीवन का मूलमंत्र प्रदान करती है।
कैलाश सैनी ब्रह्मसरोवर, पुरुषोत्तमपुरा बाग में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव की भव्य महाआरती के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र, जिसे कभी महाभारत की भूमि कहा जाता था, आज ‘भगवद गीता की भूमि’ के रूप में विश्वभर में प्रसिद्ध है। हरियाणा सरकार का प्रयास है कि गीता का ज्ञान सोशल मीडिया और विभिन्न माध्यमों से देश-विदेश के हर व्यक्ति तक पहुँचे।
कार्यक्रम की शुरुआत दीपशिखा प्रज्वलित कर की गई, जिसमें केडीबी के मानद सचिव उपेंद्र सिंघल, मंडल अध्यक्ष विवेक रावत, मंडल महामंत्री हरीश चंद्र, सहित अनेक पदाधिकारियों व गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। महाआरती का गुणगान पंडित बलराम गौतम, पंडित सोमनाथ शर्मा, गोपाल कृष्ण गौतम, अनिल व रुद्र द्वारा किया गया।
कार्यक्रम के अंत में केडीबी की ओर से सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर अनेक प्रतिष्ठित सदस्य उपस्थित रहे, जिनमें विजय नरूला, डॉ. एम.के. मोदगिल, कैप्टन अमरजीत सिंह, अशोक रोशा, डॉ. ऋषिपाल मथाना, और अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल थे।










