International Gita Mahotsav

 

INTERNATIONAL GITA MAHOTSAV

Kurukshetra, Haryana (15 November to 5 December 2025)

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में पहली बार पर्यटकों को मिलेगा वैदिक शिक्षा पद्धति का अनुभव

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव–2025 में इस बार एक अनोखी पहल की गई है। पहली बार देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को वैदिक शिक्षा पद्धति, प्राचीन विज्ञान और आयुष परंपरा का प्रत्यक्ष ज्ञान मिलेगा। विद्या शोध संस्थान की ओर से महोत्सव में विशेष रूप से गुरुकुल शिक्षा पद्धति का पाठ पढ़ाने के लिए एक विशाल मंच तैयार किया गया है, जिसने आगंतुकों का विशेष आकर्षण खींचा है।

इस मंच पर प्राचीन भारतीय ज्ञान प्रणाली और दिनचर्या को दर्शाने वाले 16 से अधिक थीम-आधारित स्टॉल लगाए गए हैं। इन स्टॉलों में 100 वर्ष तक की आयु वर्ग के व्यक्तियों की दिनचर्या—जन्म से वृद्धावस्था तक—को वैदिक और गुरुकुल परंपरा के अनोखे अंदाज में प्रदर्शित किया गया है।

सबसे विशेष बात यह है कि विद्या शोध संस्थान के संचालक स्वामी संपूर्णानंद महाराज स्वयं महोत्सव में मौजूद रहकर आगंतुकों को गुरुकुल पद्धति, वैदिक अध्ययन और प्राचीन शिक्षा-संस्कारों का ज्ञान दे रहे हैं।
उनके मार्गदर्शन में लोग यह समझ रहे हैं कि कैसे सदियों पुरानी यह पद्धति आज भी जीवन प्रबंधन, अनुशासन, शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य और आध्यात्मिक उन्नति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

महोत्सव में यह पहल लोगों को प्राचीन भारत की गौरवशाली शिक्षा परंपरा से जोड़ने का एक अनूठा अवसर दे रही है — जिसे हर आयु वर्ग के लोग उत्साह से अनुभव कर रहे हैं।

At International Gita Mahotsav 2025, visitors are experiencing the Vedic & Gurukul Education System for the first time!
Over 16+ thematic stalls showcase ancient Indian lifestyle from age 0 to 100 years.
Swami Sampooranand Maharaj himself is guiding people with real Gurukul knowledge.
A unique chance to witness Bharat’s ancient wisdom in modern times!

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