“अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में ढोल नगाड़े की भव्य प्रस्तुति ने सभी दर्शकों को अपनी धुनों से मंत्रमुग्ध कर दिया। यह प्रस्तुति न केवल लोक संगीत का अद्भुत मिश्रण थी, बल्कि गीता के संदेश के साथ भारतीय संस्कृति की शक्ति और भक्ति की अभिव्यक्ति भी थी। ढोल और नगाड़े की ध्वनियाँ महोत्सव के वातावरण को जीवंत बनाती हैं और श्रद्धालुओं में उत्साह और उमंग का संचार करती हैं।
इस प्रस्तुति ने सभी को नृत्य और संगीत के साथ एकता और देशभक्ति का अहसास कराया।