International Gita Mahotsav

INTERNATIONAL GITA MAHOTSAV

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पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेशों को जन-जन तक पहुंचाने पर देश के जाने-माने संतों ने किया चिंतन और मंथन

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में देश के प्रमुख संतों ने गीता के उपदेशों को जन-जन तक पहुंचाने और राष्ट्र को समृद्ध बनाने के लिए चिंतन और मंथन किया। इस दौरान संतों ने गीता के संदेश को विशेष रूप से युवा पीढ़ी तक पहुँचाने के लिए मार्ग प्रशस्त करने पर जोर दिया।

इस संत सम्मेलन का उद्घाटन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने दीप प्रज्जवलित कर किया। सम्मेलन में कई जाने-माने संतों ने अपने विचार व्यक्त किए, जिनमें जूनागढ़ के पीठाधीश्वर अवधेशानंद महाराज, स्वामी ज्ञानानंद महाराज, शंकराचार्य महाराज, भूपेंद्र सिंह महाराज, रवि शाह महाराज और अयोध्या श्रीराम मंदिर के चंपत राय सहित कई संत शामिल थे।

स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा, “गीता महोत्सव के इस अवसर पर हम हर वर्ष संत सम्मेलन आयोजित करते हैं, जिससे गीता के उपदेशों को पूरी दुनिया में फैलाने का प्रयास किया जाता है। गीता जीवन के हर पहलू को समझने और उसे बेहतर बनाने का मार्गदर्शन करती है।”

संतों ने गीता के महत्व पर प्रकाश डाला और बताया कि गीता की शिक्षा मानव जीवन की समस्याओं का समाधान देती है। गीता के उपदेशों में कर्म, भक्ति और ज्ञान के मार्ग को अपनाने की सलाह दी जाती है, जिससे जीवन में शांति और संतुलन स्थापित किया जा सकता है।

इसके साथ ही, स्वामी परमानंद ने कहा, “हमें धर्म की रक्षा करनी होगी, क्योंकि धर्म ही हमारा कर्तव्य है। गीता हमें कर्तव्य का पालन सिखाती है।” चंपत राय ने भी गीता के महत्व को उजागर करते हुए कहा कि हमें अपने घरों में गीता रखना चाहिए और बच्चों को प्रतिदिन गीता के श्लोकों का स्मरण करने के लिए प्रेरित करना चाहिए।

इस संत सम्मेलन में देशभर से आए संतों ने गीता के माध्यम से मानवता को एकता, भाई-चारे और सद्भावना का संदेश दिया।

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