अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के दौरान, प्रसिद्ध कवि डॉ. कुमार विश्वास ने गीता को ‘सभी धर्मों का ग्रंथ’ बताया और इसे 100 पीएचडी से भी ज्यादा शोध का विषय मानते हुए इसके महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने गीता के उपदेशों को जीवन में धारण करने का संदेश दिया। इस दौरान डॉ. कुमार विश्वास ने अपनी कविताओं और विचारों से हजारों दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
सांस्कृतिक संध्या के कार्यक्रम में रेत कला द्वारा महाभारत की कृति की भी प्रदर्शनी लगाई गई और विभिन्न कवियों ने मंच पर अपनी प्रस्तुतियां दीं। इस अवसर पर कई प्रमुख हस्तियों जैसे बाबा भूपेंद्र सिंह, चंपत राय, पूर्व राज्यमंत्री सुभाष सुधा, उपायुक्त नेहा सिंह और अन्य अतिथियों ने उपस्थित होकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
सम्मान और पुरस्कार वितरण में केडीबी ने विभिन्न कवियों और कलाकारों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। डॉ. कुमार विश्वास, रमेश मुस्कान, कविता तिवारी, सुदीप भोला और अन्य कवियों को इस अवसर पर सम्मानित किया गया।
इस महोत्सव के माध्यम से कुरुक्षेत्र ने दुनिया भर में गीता के संदेश को फैलाने का महत्वपूर्ण कार्य किया और यह सुनिश्चित किया कि गीता का ज्ञान और कर्म का संदेश आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचे।