अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में इस बार विविध राज्यों से आए कलाकारों ने अपनी अद्वितीय कला का प्रदर्शन किया, जिससे महोत्सव का माहौल और भी जीवंत हो गया। हर राज्य की विशिष्ट पारंपरिक शिल्पकला, चित्रकला, और लोक कला ने दर्शकों को भारतीय संस्कृति की गहरी समझ दी।
इन कलाकारों ने अपनी कला के माध्यम से न केवल अपनी सांस्कृतिक धरोहर का सम्मान किया, बल्कि भारत की समृद्ध कला और शिल्प की विविधता को भी उजागर किया। हर कृति ने अपनी विशेषता से महोत्सव में चार चांद लगा दिए।
यह प्रदर्शनी कला प्रेमियों के लिए एक बेहतरीन अवसर थी, जहां उन्होंने भारत के हर कोने की अद्भुत कला का अनुभव किया। हर रंग, हर आकार में छुपी भारतीयता की सुंदरता दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर गई।