अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के दौरान, कुरुक्षेत्र में एक अद्भुत दृश्य देखने को मिला, जब स्थानीय लोग हिमाचली पारंपरिक पहनावे में सजी लड़कियों के साथ तस्वीरें खींचते हुए प्रेम और भाईचारे का संदेश फैला रहे थे। यह एक सजीव उदाहरण था कि कैसे सांस्कृतिक विविधता के बीच प्रेम और एकता को बढ़ावा दिया जा सकता है।
हिमाचली पारंपरिक पहनावे की रंग-बिरंगी झलक और कुरुक्षेत्र की ऐतिहासिक धरोहर ने इस पल को और भी खास बना दिया। लोग न केवल तस्वीरें खींच रहे थे, बल्कि एक-दूसरे के पहनावे और संस्कृति की सराहना कर रहे थे, जिससे माहौल में प्रेम और सम्मान की भावना पनपी।
यह दृश्य साबित करता है कि सांस्कृतिक विविधता में एकता हमारी सबसे बड़ी ताकत है, और ऐसे छोटे पल ही समाज में प्रेम और समझ को बढ़ावा देते हैं।