अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2024 के इस पवित्र अवसर पर, घुड़का नृत्य ने अपनी ऊर्जा और जोशपूर्ण प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। यह नृत्य छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति का अहम हिस्सा है, जो गीता के शाश्वत संदेश को अपनी नृत्य कला के माध्यम से प्रस्तुत करता है।
घुड़का नृत्य ने न केवल भारतीय लोक कला का अद्भुत रूप प्रस्तुत किया, बल्कि इसके माध्यम से गीता के दिव्य ज्ञान और जीवन के प्रति समर्पण को भी दर्शाया। इस नृत्य की हर गति में श्रद्धा और भक्ति की भावना प्रकट होती है, जो महोत्सव को और भी भव्य बना रही थी।
“घुड़का नृत्य: भारतीय लोक कला में गीता के संदेश का अद्भुत रूप!”
आइए, हम सभी इस सांस्कृतिक अनुभव का हिस्सा बनें और गीता के दिव्य ज्ञान से अपने जीवन को आलोकित करें!