“लोक नृत्य वह धरोहर है जो हमारी पीढ़ियों को जोड़ती है। यह वह कड़ी है, जो हमें हमारी मिट्टी से जोड़े रखती है। इन तालों पर थिरकते हुए अपनी संस्कृति से अपने रिश्ते को और मजबूत करें।”
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2024 में लोक नृत्य और कला का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। यह महोत्सव हमें हमारी सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ते हुए, पारंपरिक नृत्य कला के माध्यम से भारतीय संस्कृति की शक्ति को अनुभव करने का एक अवसर प्रदान करेगा। आइए, इस महोत्सव में हमारे लोक नृत्य और संस्कृति का हिस्सा बनें और अपनी मिट्टी से जुड़ें।