ब्रह्म सरोवर के पावन तट पर चल रहे अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में सरस और शिल्प मेला पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। हिमाचल प्रदेश के जेंजतिया क्षेत्र से आए विपन ठाकुर द्वारा इस महोत्सव में जड़ी बूटियों से बनी पांगी औषधि लाई गई है, जो प्रधान मंत्री कार्यालय में भी भेजी जाती है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मेडिकल हेरिटेज से प्रशिक्षित विपन ठाकुर ने बताया कि इस हर्बल नुस्खे से सेंसी, पित, कडू, गुरुनु जैसी जड़ी बूटियों के एक्सट्रैक्ट का उपयोग करके उन्होंने मधुमेह, बीपी, हृदय रोग, गठिया, यूरिक एसिड, और पेट समस्याएं ठीक करने में सफलता प्राप्त की है। सरकारी मंजूरी और केंद्र सरकार से मिले सर्टिफिकेट ने इस हर्बल नुस्खे की गुणवत्ता को साबित किया है, जो बिना किसी परहेज या साइड इफेक्ट्स के है। इन जड़ी बूटियों की खास बात यह है कि यह अप्रैल महीने में बर्फ पिघलने के बाद उपलब्ध होती हैं। विपन ठाकुर जो कि एक पूर्व सैनिक हैं, उन्होंने बताया कि वो 8 सालों से गीता महोत्सव में भाग ले रहे हैं। इस वर्ष उनका स्टॉल न. 738 है।हरियाणा और हिमाचल की राज्य सरकारों का उनके सेल्फ हेल्प ग्रुप को प्रोत्साहित करने के लिए उन्होंने आभार व्यक्त किया है। कुरुक्षेत्र में अब तक उन्होंने 10 से 15 हजार लोगों को बीमारियों से बाहर छुटकारा दिलाया है और इसके 100 प्रतिशत परिणामों ने सबको हैरान कर दिया है। उनके सेल्फ हेल्प ग्रुप से फिलहाल आठ महिलाओं को रोजगार मिल रहा है।
उन्होने बताया कि वह खानदानी वैद्य परिवार से हैं। उनके द्वारा निर्मित पेट मित्र औषधी जो पेय के रूप में हैं तथा कुछ बूंदे ही एक डोज के लिए पर्याप्त रहती है, की बेहद मांग है, क्योंकि यह औषधी पेट के हर रोग के साथ साथ गैस, पथरी में भी रामबाण साबित होती है और शुगर, बीपी, हार्ट ब्लाकेज, बवासीर तथा अन्य रोगों को भी ठीक करती हैं। पेट मित्र औषधी ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय में देश के हर्बल विज्ञान तकनीकी विभाग के डा. जितेंद्र सिंह तक पहुंचती है। क्योंकि उक्त अधिकारी ने कुल्लू जिला के विभागीय प्रदर्शनी में उनके हर्बल उत्पाद खरीदे थे। उसके उपरांत डा. जितेंद्र सिंह ने हर्बल उत्पाद का प्रयोग किया। जिससे उनके स्वास्थ्य पर लाभ मिला।