ब्रह्म तीर्थ नामक यह तीर्थ करनाल से लगभग 44 कि. मी. दूर रिसालवा ग्राम मंे स्थित है। यह तीर्थ भगवान ब्रह्मा से सम्बन्धित है। वामन पुराण के अनुसार एक बार ब्रह्मा जी से भयंकर पाप हो गया था। उन्होंने उसके प्रायश्चित हेतु भगवान शिव की श्रद्धा पूर्वक पूजा की। ब्रह्मा की भक्ति से संतुष्ट होकर शिव ने उन्हे यहाँ चार लिंगो की स्थापना करने का आदेश दिया। तब शिव के आदेशानुसार पाप मुक्त हुए ब्रह्मा ने चार लिंगों की स्थापना की। प्रथम लिंग हरि के पास ब्रह्मसर था। द्वितीय ब्रह्मसदन की स्थापना उन्हांेने अपने आश्रम में की। उसी के पूर्वी भाग में तीसरे लिंग की स्थापना हुई और चतुर्थ लिंग की स्थापना सरस्वती के तट पर की गई। ये सभी मिलकर ब्रह्म तीर्थ कहलाए जिनके दर्शन मात्र से व्यक्ति को परम गति प्राप्त होती है।
रिसालवा ग्राम में स्थित यह तीर्थ इन चार ब्रह्म तीर्थों में से एक है। तीर्थ परिसर में ही एक प्रस्तर निर्मित चैखट का भग्नावशेष पड़ा हुआ है जिससे यहाँ प्रतिहार कालीन (9-10वीं शती ई.) किसी प्रस्तर निर्मित मंदिर होने की पुष्टि होती है।