International Gita Mahotsav

 

INTERNATIONAL GITA MAHOTSAV

Kurukshetra, Haryana (15 November to 5 December 2025)

25 वर्षों से गीता महोत्सव की शान—बनारसी साड़ियों के प्रसिद्ध शिल्पकार अकील अहमद

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव और बनारस के कुशल शिल्पकार अकील अहमद का रिश्ता अब 25 वर्षों की खूबसूरत यात्रा बन चुका है। हर साल वह अपने हाथों से बुनी हुई बनारसी साड़ियाँ, सूट और दुपट्टों की मनमोहक श्रृंखला लेकर कुरुक्षेत्र पहुँचते हैं, जिसे खासतौर पर महिलाएँ बेहद पसंद करती हैं। ब्रह्मसरोवर के उत्तर-पूर्वी छोर पर लगे स्टॉल नंबर 91 पर इस बार भी उनकी खद्दियों की बारीकी, रंगों की चमक और परंपरा की खुशबू देखने को मिल रही है। उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केंद्र, पटियाला द्वारा देशभर के शिल्प मेलों में आमंत्रित किए जाने वाले अकील अहमद की कोई निजी दुकान नहीं—उनकी पहचान केवल उनकी कला है, जो पीढ़ियों से चली आ रही है। परिवार के सब सदस्य मिलकर इन पारंपरिक बनारसी परिधानों को रचते हैं, जिनकी कीमतें भी हर ग्राहक की जेब के अनुसार हैं। अकील अहमद कहते हैं कि गीता महोत्सव उनके लिए सिर्फ एक मेला नहीं, बल्कि अपनी कला को दुनिया से जोड़ने का एक अनमोल मंच है।

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