धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में 18 मार्च से 27 मार्च तक आयोजित होने जा रहे 102वें 1008 कुंडीय यज्ञ का उद्देश्य न केवल देश में सुख-शांति और समृद्धि लाना है, बल्कि वातावरण को शुद्ध करने और राष्ट्र निर्माण में भी योगदान देना है। इस महायज्ञ का नेतृत्व यज्ञ सम्राट हरिओम महाराज करेंगे।
यज्ञ के आयोजन की प्रक्रिया का संदेश घर-घर तक पहुंचाने के लिए एक यात्रा की शुरुआत की गई है, जो 22 दिसंबर तक जारी रहेगी। इस यात्रा के माध्यम से लोगों को इस महान यज्ञ के महत्व और इसके लाभ के बारे में जागरूक किया जाएगा।
भा.ज.पा. प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बडौली, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कृष्ण कुमार बेदी और हरिओम महाराज ने इस आयोजन के उद्देश्य को साझा किया, जिसमें पर्यावरण संरक्षण, राष्ट्र की उन्नति, और हर व्यक्ति की मानसिक शांति सुनिश्चित करना प्रमुख है।
हरियाणा और अन्य राज्यों से आकर लोग इस पवित्र यज्ञ में भाग लेंगे, और इसके माध्यम से भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को एक नई दिशा मिलेगी। यज्ञ सम्राट हरिओम महाराज ने बताया कि यह यज्ञ मानसिक शांति और तनाव को दूर करने के लिए सर्वोत्तम उपाय है।
आइए, हम सब इस महायज्ञ का हिस्सा बनें और इसे घर-घर, हर घर तक पहुंचाएं, ताकि सभी को सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त हो।