“अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में हरियाणा पवेलियन की झलक – जहाँ परंपरा, श्रम और संस्कृति एक साथ जीवंत होती है।
इस मां–सम तुल्य अन्नदाता हस्तशिल्पी के हाथों में आज भी बसते हैं गाँव की मिट्टी की खुशबू और अपनी विरासत को जीवित रखने का संकल्प।”
“यह वही हाथ आटा चक्की है, जिसमें कभी गेहूँ पिसा करता था—
न मशीनों का शोर, न भागदौड़ का तनाव,
सिर्फ हाथों की मेहनत और उसमें बसा अपार प्यार।
यही तो हमारी मिट्टी की सादगी और माँ–दादी की ममता का स्वाद है।”
“The traditional hand-mill where wheat was once ground with love and patience—
a symbol of simplicity, dedication, and the timeless warmth of our roots.”
