
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2025 में यह सांस्कृतिक और रंगीन दृश्य पारंपरिक कला का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करता है। विभिन्न लोक कलाकार, जीवंत पारंपरिक पोशाकों में सजे, हरकतों में अनुग्रह, आत्मविश्वास और हरियाणा की सांस्कृतिक गर्व का परिचय देते हैं। उनकी मुस्कान, गोटेदार लाल चुनरी और पारंपरिक आभूषण पूरे माहौल में एक दिव्य लोक-सौंदर्य भर देते हैं। उनकी उपस्थिति महोत्सव में चार चाँद लगाती है और इसकी सांस्कृतिक गरिमा एवं प्रामाणिकता को और भी निखारती है।