अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में जहां चारों तरफ रौनक है, वहीं लोक कलाकार ब्रह्मसरोवर के किनारे अपने लोक वाद्य यंत्रों से पर्यटकों को लुभाने का काम कर रहे है। यह कलाकार वाद्य यंत्रों की मधुर ध्वनियों से सभी का दिल जीतने का काम कर रहे है। अहम पहलू यह है कि इस लोक वाद्य यंत्र बीन से निकलने वाली धुन ब्रहमसरोवर के पवित्र जल में मधुर स्वर लहरियों से नई तरंगे जागृत करने का काम कर रही है और ब्रहमसरोवर के जल में उठ रही यह तरंगे ऐसे लग रही है जैसे वो भी इस माहौल में रमकर नृत्य कर रही हो।
विभिन्न कलाकारों के बीच में से एक सपेरा बीन पार्टी अपनी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए महोत्सव में जगह-जगह घूम कर अपनी लोक वाद्य कला बीन का प्रदर्शन कर रही है। इस बीन पार्टी द्वारा लोगों का का मनोरंजन भी कर रहे है। पार्टी में शामिल बुजुर्ग कलाकार भी बीन बजा, तुम्बा और ढोल बजा कर लोगों का ध्यान अपनी आकर्षित कर रहे है। उनकी इस कला के लिए वे कई बार सम्मानित भी हो चुके है। ये कलाकार अपनी इस कला का प्रदर्शन इटली और दुबई में भी कर चुके है और पिछले कई वर्षों से गीता महोत्सव में आ रहे है। उनकी कला के प्रति पर्यटकों का उत्साह और रुझान निरंतर बढ़ रहा है!



