
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के दौरान लगा रक्तदान शिविर मानवता की उस उजली भावना का प्रतीक है, जो दिलों को जोड़ती है और समाज को मजबूत बनाती है। यहाँ हर दाता सिर्फ रक्त नहीं देता—वह किसी अनजान के जीवन में नई धड़कन, नई उम्मीद और जीने की नई रोशनी भर देता है। यही सेवा का असली स्वरूप है, यही मानवता की सबसे बड़ी पूजा।