
ये सुंदर कलाकृतियाँ सिर्फ सजावट नहीं, बल्कि मेहनत और परंपरा का जीवंत रूप हैं।
Each piece reflects the passion of local artisans and the spirit of the festival.
रंगों, कला और परंपरा से सजा यह स्टॉल गीता महोत्सव की असली आत्मा को दर्शाता है।
सामने रखी हर कलाकृति—चाहे वो दीवार सजावट हो, पारंपरिक प्रतीक हों या सुंदर हैंगिंग्स—हस्तशिल्प की उस सुंदरता को दिखाती है जो दिल को छू लेती है।
कलाकारों की मुस्कान और उनके बनाए गए अनोखे डिज़ाइन इस बात का प्रमाण हैं कि भारतीय संस्कृति अब भी अपनी जड़ों से मजबूती से जुड़ी है।
यहाँ कला सिर्फ दिखाई नहीं देती, बल्कि महसूस होती है—हर रंग, हर प्रतीक अपनी एक कहानी कहता है।