अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में उत्तर प्रदेश के मेरठ के रहने वाले समीर हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी पुरूषों के लिए कुर्ते, खादी की जैकेट, गर्म शर्ट सहित कपड़े से बनी कई वैरायटी लेकर आए है। समीर ने बताया कि ब्रह्मसरोवर के तट पर सरस और क्राफ्ट मेले में स्टॉल नंबर 408 पर कपडे से बनी चीजें मिल रही है।
समीर ने बताया कि वे हर वर्ष अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में भाग लेने के लिए आते हैं और यह उनका पुश्तैनी कार्य है। यह कार्य पिछले 30 वर्ष से कर रहे हैं, इस कार्य में उनके परिवार के सभी सदस्य मिलकर कार्य करते हैं। उनकी स्टॉल पर 300 रुपये से लेकर 800 रुपये तक के खादी के कपडे हैं। खादी का कुर्ता पजामा और जैकेट मात्र 1500 रुपये में मिल रहा है। समीर ने बताया कि जो कपडे वे बेच रहे हैं, उनका हल्का सा भी रंग नहीं उतरता है। उन्होंने बताया कि वे सबसे पहले खादी के कपडे को चरखे पर चढ़ाते हैं और फिर उसकी तानी करते हैं, रोल को उठाकर खडडी पर लगाया जाता है,फिर कपड़ा बुना जाता है तब जाकर कुर्ता पजामा तैयार होता है।
समीर ने बताया कि वे कुरुक्षेत्र के अलावा गोवा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब सहित कई प्रदेशों में लगने वाले बड़े मेलों में वे जाते हैं। इस स्टॉल पर एक साल तक के बच्चों के भी कुर्ते पजामे बने हुए है तथा छोटी बेटियों के लिए सुन्दर-सुन्दर लंहगे भी हैं। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि मेरी स्टॉल नंबर 408 पर आएगा वह ग्राहक हर साल मेरा इंतजार करेगा। कहना गलत नहीं होगा कि लोगों की पसंद खादी के कुर्ते पजामे व जैकेट बनी हुई है।