International Gita Mahotsav

INTERNATIONAL GITA MAHOTSAV

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महिलाओं की हस्त बुनाई ऊनी वस्त्रों की कला ने मोहा पर्यटकों का मन

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में जहां एक ओर इस क्राफ्ट और सरस मेले के भव्य आयोजन का आगाज हो चुका है, वहीं दूसरी ओर पंजाब और हरियाणा के शिल्पकारों ने अपनी शिल्पकला से भारतीय संस्कृति को उजागर करने का काम किया है। इस अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में पंजाब और हरियाणा के शिल्पकारों ने क्राफ्ट और सरस मेले में अपनी शिल्पकला का जौहर दिखाकर पर्यटकों को अपनी शिल्पकला की ओर आकर्षित करने का काम किया है। अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव में प्यार कौर ने बताया कि वे पंजाब से बठिंडा से आई है और अपने साथ सर्दियों में ऊन से बना सामान लेकर आई है। उन्होंने अपना यह सामान स्टॉल नम्बर 716 पर लगाया है। उन्होंने कहा कि वे इस सामान को रंग-बिरंगी ऊन से करोसिया और सिलाई के साथ बनाती है और इस काम में उनका पूरा ग्रुप काम करता है। हाथ से बनी ऊन की महिलाओं की जर्सी, बच्चों की जुराबें इत्यादि पर्यटकों को बहुत पंसद आ रही है। उन्होंने बताया कि आज के इस आधुनिक समय में जहां लोग बाजार से रेडिमेंट कपडों की होड में लगे हुए है वहीं दूसरी ओर इन महिलाओं का गु्रप पंजाब और हरियाणा की संस्कृति को उजागर करने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि बीते हुए समय में पहले महिलाएं एक साथ बैठकर खाली समय में अपने हाथों से ही ऊन की पुरूषो और महिलाओं की सुंदर-सुंदर रंग बिरंगी जर्सी,स्वेटर और बच्चों की जुराबे बुन देती थी लेकिन अब यह शिल्पकला लुप्त हो चकी है,लेकिन पंजाब से आई प्यार कौर ने कहा कि उनका महिलाओं का यह ग्रुप इस पुरानी संस्कृति को उजागर करने का काम कर रही है और सुंदर-सुंदर रंग बिरंगी ऊन से बनी सर्दियों में बच्चों के पहनने के ऊनी वस्त्र महोत्सव में आने वाले पर्यटकों को बहुत लुभा रही है।

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