बनारस के शिल्पकार मोहम्मद हनीफ का अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के साथ 24 सालों का नाता रहा है। इस महोत्सव में 1999 से लगातार आ रहे है और महोत्सव में आने वाली बेटियों और महिलाओं के लिए बनारसी सूट, साड़ी और दुपट्टïे तैयार करके लाते है। इस महोत्सव से लगाव होने के कारण हर वर्ष बेसब्री के साथ इंतजार करते है।
शिल्पकार मोहम्मद अनीफ ने अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2023 में ब्रहमसरोवर के दक्षिणी छोर पर स्टॉल नंबर 402 लगाया है। इस महोत्सव के लिए बनारसी सूट, साड़ी और दुपट्टïे तैयार करके लाए है। उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केंद्र पटियाला की तरफ से देश के हर शिल्प मेले में आमंत्रित किया जाता है, वो अपनी शिल्पकला को लेकर केवल मेलों में ही जाते है। उनकी कहीं पर भी कोई अपनी निजी दुकान नहीं है। इन मेलों के बाद उनके पास जो भी समय बचता है, उस समय में अपनी खड्डिïयों से सूट, साड़ी और दुपट्टïे तैयार करते है।
उन्होंने कहा कि इस शिल्पकला में उनके परिवारों के 1 हजार सदस्य लगे हुए है, सभी बनारसी साड़ी, सूट व दुपट्टïे बनाने का कार्य करते है। उनका यह कार्य पुश्तैनी है। इसलिए इस शिल्पकला से उनके परिवारों का पालन-पोषण भी सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है। सभी सदस्य मेलों में पर्यटकों की मांग को पूरा करने के लिए सूट, साड़ी तैयार करते है। इस महोत्सव में साड़ी की कीमत 1200 से लेकर 5 हजार रुपए, सूट की कीमत 1500 रुपए से लेकर 4 हजार रुपए तक और दुपट्टïों की कीमत 350 रुपए से लेकर 1 हजार रुपए तक रखी हुई है। उन्होंने प्रशासन का आभार व्यक्त किया कि इस मेले में शिल्पकारों को हर प्रकार सुविधा प्रदान की गई है।