International Gita Mahotsav

पवित्र ग्रंथ गीता एक पुस्तक ही नहीं जीवन का एक जीता-जागता दर्शन:करतार

आयुष विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र के कुलपति करतार सिंह धीमान ने कहा कि गीता शक्ति का प्रतीक है, गीता अध्यात्म और शांति का रास्ता है। सदियों वर्ष पूर्व भगवान श्री कृष्ण ने गीता का उपदेश दिया था, इन उपदेशों को आज भी अपने जीवन में शामिल की जरूरत है। श्रीमद भगवद गीता भगवान का भेजा हुआ संदेश है। गीता ग्रंथ नहीं बल्कि जीवन का जीता जागता दर्शन है, गीता स्वस्थ जीवन का मूलमंत्र देती है तथा गीता जीवन जीने की कला है।
कुलपति करतार सिंह धीमान बुधवार को देर सायं ब्रहमसरोवर पुरुषोतमपुरा बाग में महोत्सव के गीता महाआरती कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रुप में बोल रहे थे। इससे पहले कुलपति करतार सिंह धीमान, हरियाणा डेयरी एवं पशुधन विकास निगम के चेयरमैन धर्मवीर मिर्जापुर, केडीबी के मानद सचिव उपेंद्र सिंघल, केडीबी सदस्य अशोक रोशा, डा. ऋषिपाल मथाना, कैप्टन अमरजीत सिंह सहित अन्य गणमान्य लोगों ने अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव पर ब्रहमसरोवर की महाआरती और पूजा-अर्चना की तथा दीपशिखा प्रज्ज्वलित कर विधिवत रुप से महाआरती का शुभारम्भ भी किया। इस महाआरती का गुणगान पंडित बलराम गौतम, पंडित सोमनाथ शर्मा, गोपाल कृष्ण गौतम, अनिल व रुद्र ने किया।
कुलपति करतार सिंह धीमान ने कहा कि पहले कुरुक्षेत्र को महाभारत की भूमि कहा जाता था लेकिन इसे अब भगवद गीता की भूमि कहा जाने लगा है। प्रदेश सरकार का प्रयास है कि हर व्यक्ति को गीता का ज्ञान मिले इसके मध्यनजर इस अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव को विभिन्न सोशल मीडिया के माध्यम से विदेशों व देश के गांव-गांव तक पहुंचाया जा रहा है, 21वीं सदी में गीता औषधी के सामान है, गीता का ज्ञान सबको होना चाहिए। इस कार्यक्रम के अंत में केडीबी की तरफ से सभी मेहमानों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

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