International Gita Mahotsav

INTERNATIONAL GITA MAHOTSAV

International Gita Mahotsav

देश की संस्कृति और शिल्प कला का केन्द्र बना अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का मंच

23 राज्यों की शिल्पकला और 6 राज्यों के लोक कलाकार जमा रहे है अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में रंग, शिल्प और सरस मेला बना पर्यटकों की पहली पंसद, 48 कोस के 75 तीर्थों पर भी होंगे कार्यक्रम
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का मंच देश की संस्कृति और शिल्पकला का मुख्य केन्द्र बन चुका है। इस महोत्सव के मंच पर 23 राज्यों की शिल्पकला और 6 राज्यों की लोक संस्कृति को सहजता से देखा जा सकता है। इस अनोखी संगम से ब्रह्मसरोवर की फिजा भी महक उठी है। यह महक देश के कोने-कोने तक पहुंच चुकी है और इस महक से रोजाना हजारों लोग ब्रह्मसरोवर के तट पर खिंचे चले आते है। अहम पहलू यह है कि अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के दौरान 48 कोस के 75 तीर्थों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव-2022 के शिल्प और सरस मेले का चौथा दिन है और रोजाना पर्यटकों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इस बार ब्रह्मसरोवर के उत्तर और दक्षिण घाटों पर उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केन्द्र की तरफ से बेहतरीन कलाकारों द्वारा प्रस्तुतियां दी जा रही है। इन प्रस्तुतियों में किसी घाट पर पंजाबी संस्कृति, कहीं पर हरियाणवी और कहीं पर हिमाचल तो कहीं पर राजस्थान की लोक संस्कृति को देखने का अवसर मिल रहा है। इस लोक संस्कृति का आनंद लेने के साथ-साथ लोग ब्रह्मसरोवर के चारों तरफ एनजेडसीसी और डीआरडीए की तरफ से लगे सरस और शिल्प मेले में अनोखी शिल्पकला को भी खूब निहार रहे है। इस वर्ष 600 से ज्यादा स्टॉल लगाए गए है। इसमें राष्ट्रीय, राज्य अवार्डी शिल्पकार भी शामिल है। इसके अलावा महोत्सव में पंजाब से बाजीगर, राजस्थान से बहरुपिए और कच्ची घोड़ी के कलाकारों ने लोगों का मनोरंजन करना शुरु कर दिया है। हरियाणा, पंजाब,गुजरात, उत्तराखंड, राजस्थान, हिमाचल के साथ-साथ कई अन्य राज्यों की लोक संस्कृति इस अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में देखने को मिल रही है जब इन लोक कलाकारों द्वारा ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर अपनी प्रस्तुति दी जाती है तो वहां पर देखने वाले पर्यटक अपने पैरों पर थिरकने को मजबूर हो जाते है। ऐसी अद्भुत संगीतमय लोक संस्कृति, इस महोत्सव में आने वाले सभी पर्यटकों के मन का रिझाने का काम कर रही है।

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