
नीले आसमान के नीचे जब तिरंगा शान से लहराता है और उसके साथ अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2025 का गुब्बारा उड़ान भरता है, तो यह दृश्य भारत की सांस्कृतिक शक्ति और राष्ट्रीय गौरव का अनुपम मेल बन जाता है। एक ही फ्रेम में तिरंगे का सम्मान और गीता महोत्सव की पहचान—यह क्षण देशभक्ति, परंपरा और आत्मगौरव का अद्भुत प्रतीक है।