जहां गीता महोत्सव में विभिन्न राज्यों की संस्कृति लोगो को भा रही है वहीं हरियाणा की संस्कृति भी पीछे नही है। हरियाणा के पोशाक पर्यटकों के बीच चलन बना हुआ है। गीता महोत्सव में हर जगह हरियाणा की संस्कृति की झलक नजर आ रही है। बच्चे, जवान, बुजुर्ग सभी के बीच सभी मे हरियाणा की संस्कृति का चस्का चढ़ा हुआ है। हरियाणा की कला और शिल्प में नृत्य, संगीत, मिट्टी के बर्तन, कढ़ाई, पेंटिंग, बुनाई, मूर्तिकला आदि के विभिन्न रूप शामिल हैं। इसकी विशेषता बहुत लोकप्रिय ग्रामीण हस्तशिल्प है। शिल्पकारों के लिए यह आय का प्रमुख स्रोत होने के अलावा, ये कला रूप पर्यटकों के बीच सुपरहिट हैं। मिट्टी के बर्तनों के रंग, मिट्टी के सांचे आदि पर्यटकों को बेहद आकर्षित कर रहे है। गीता महोत्सव के मंच पर हरियाणवी कलाकार धोती पगड़ी, घाघरा घाघरी पहनकर अपनी प्रस्तुति दी रहे है। जिससे पर्यटक आकर्षित हो रहे है और गीता महोत्सव के हरियाणवी पंडाल में जमकर झूम रहे है।
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