पर्यटक गरमा-गर्म काहवा पीकर कश्मीर की सर्द वादियों की यादों में खो जाते है। इस महोत्सव में चाहवान पर्यटकों के लिए पिछले 12 सालों से गुलिस्तान सेल्फ हेल्प ग्रुप से कश्मीर के गांव सोबो से महजबीन और शबीर अहमद पहुंच रहे है और हर बार पर्यटकों की मांग को पूरा करने के लिए कश्मीर का काहवा लेकर आते है।
कश्मीर की बारामुला निवासी महजबीन व शबीर अहमद का कहना है कि वर्ष 2011 से अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में आ रहे है और यहां पहुंच कर उन्हें अपनापन महसूस होता है।