अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के दौरान कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर पर प्रत्येक दिन अलग-अलग प्रांतों के कलाकार अपने-अपने प्रदेशों की लोक संस्कृति की छटा बिखेर रहे हैं, वहीं कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग, हरियाणा की ओर से लगभग 250 लोक कलाकार बीन, नगाड़ा, डेरु, जंगम जोगी, बैगपाईपर, सांरगी आदि की प्रस्तुतियों से पर्यटकों को लुभा रहे है। इसी कड़ी में हरियाणा कला परिषद की ओर से 48 कोस में स्थित तीर्थों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रारम्भ किए गए हैं।
हरियाणा कला परिषद के निदेशक संजय भसीन ने कहा कि गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत 48 कोस भूमि में स्थित 75 तीर्थ स्थानों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड द्वारा चिन्हित तीर्थ स्थानों पर हरियाणा प्रदेश के कलाकार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे है। तीर्थ पर आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत थाना गांव से की गई थी, जिसमें कला एवं संस्कृति मंत्री कंवरपाल गुर्जर की गरिमामयी उपस्थिति में सुनीता दुआ सहगल द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। इसके साथ-साथ कुलतारण तीर्थ किरमच पर भी कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें प्रेम हरियाणवी ने हरियाणवी लोकगीतों तथा नृत्यों से कार्यक्रम को सफल बनाया। इसके अलावा ब्रहमस्थान तीर्थ, मटौर तीर्थ, पराशर तीर्थ, फल्गू तीर्थ, शाकुम्भरी तीर्थ तथा सूर्यकुंड तीर्थ अभिमन्युपुर में भी सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कए गए है।