
ब्रह्मसरोवर की रात, हरी पत्तियों की छाया और स्वर्णिम मंदिर की झिलमिलाती रोशनी—यह दृश्य केवल आँखों को नहीं, बल्कि मन और आत्मा को भी छू जाता है। किनारों पर साधना का माहौल, लहरों पर प्रतिबिंबित प्रकाश और गीता का शाश्वत संदेश प्रत्येक यात्री को अंतर्मुखी ध्यान और आध्यात्मिक अनुभूति का अनुभव कराता है। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि शांति, भक्ति और संस्कृति का संगम है। यह पवित्र रात्रि कुरुक्षेत्र की धरती पर आने वाले प्रत्येक आगंतुक को धर्म और आध्यात्मिकता का गहरा अनुभव कराती है।